अल्लाह ने क़ुरान में फरमाया
ए नबी सललाल्लाहू आलेही वासल्लम अपनी बीवियो और अपनी बेटियो से और मुसलमानो की औरतों से कह दो वो अपने ऊपर अपनी चादरे लटका लिया करे. (यानी परदा,हिज़ाब करे)
क़ुरान (सुरा आहज़ाब 33/59)
इस आयात में अल्लाह ने अपने रसूल से कहा के उनकी बीवी और बेटियों को और साहाबियात को पर्दे का हुक्म दो.
आज मुस्लिम औरतों को कहे के परदा करो तो सुनने को मिलता है की
परदा तो आँखो में शर्म होनी चाहिए, परदा तो दिल का होता है, जिस्म का नही
आज की मुस्लिम औरतों को सोचने की ज़रूरत है (नौज़बिल्लाह) क्या वो साहबियात से ज़्यादा पाक और शर्म करने वाली है ये जहालत है अल्लाह की आयात का इनकार करना है.
अल्लाह ने फरमाया
जिन लोगो ने हमारी आयतों (हिदायत) का इनकार किया वो हमेशा-हमेशा ज़ह्न्नम में रहेगे.
क़ुरान (सुरा आराफ 7/36)
अल्लाह हमे हक़ बात समझने की तोफीक अता करे अमीन
ए नबी सललाल्लाहू आलेही वासल्लम अपनी बीवियो और अपनी बेटियो से और मुसलमानो की औरतों से कह दो वो अपने ऊपर अपनी चादरे लटका लिया करे. (यानी परदा,हिज़ाब करे)
क़ुरान (सुरा आहज़ाब 33/59)
इस आयात में अल्लाह ने अपने रसूल से कहा के उनकी बीवी और बेटियों को और साहाबियात को पर्दे का हुक्म दो.
आज मुस्लिम औरतों को कहे के परदा करो तो सुनने को मिलता है की
परदा तो आँखो में शर्म होनी चाहिए, परदा तो दिल का होता है, जिस्म का नही
आज की मुस्लिम औरतों को सोचने की ज़रूरत है (नौज़बिल्लाह) क्या वो साहबियात से ज़्यादा पाक और शर्म करने वाली है ये जहालत है अल्लाह की आयात का इनकार करना है.
अल्लाह ने फरमाया
जिन लोगो ने हमारी आयतों (हिदायत) का इनकार किया वो हमेशा-हमेशा ज़ह्न्नम में रहेगे.
क़ुरान (सुरा आराफ 7/36)
अल्लाह हमे हक़ बात समझने की तोफीक अता करे अमीन