मोज़ीज़ात (चमत्कार) नबी करीम सललाल्लाहू आलेही वासल्लम का लकड़ी को तलवार में बदलना

हज़रत उकाशा रज़ी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है.
जंग ए बदर में मेरी तलवार टूट गई में नबी करीम सल्ल. के पास हाजिर हुआ आप ने मुझे एक उद की लकड़ी दी और फरमाया इससे लडो,
वो लकड़ी चमकती हुए तलवार में बदल गई में फ़तह होने तक लड़ता रहा,
यह तलवार उकाशा रज़ी. के पास उनकी वफात तक मोजूद रही.

हदीस (हकीम : बाब क़त्ल अबी ज़हल 3/स 308)

हज़रत बराअ बिन आज़िब रज़ी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है.
जब नबी करीम सल्ल. मदीना तशरीफ़ ला रहे थे तो सुराका ने आप का पीछा किया आप ने बद्दुआ की तो उसका घोड़ा ज़मीन में धन्स गया,
सुराका ने अर्ज़ किया अल्लाह से मेरी निजात की दुआ फरमाये में आपको तकलीफ़ नही पहुचाउँगा आप ने दुआ की तो घोड़ा ज़मीन से बाहर निकल आया.

हदीस (बुखारी : बाब हिजरतून्नबी)

अल्लाह हमे हक़ बात समझने की तोफीक अता फरमाये अमीन
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