आज मुसलमान अज़ान देने से कतराते है जबकि अज़ान देने की बड़ी फ़ज़िलत है.

हदीस ए रसूल सललाल्लाहू आलेही वासल्लम ने इरशाद फरमाया

हज़रत अबू साईद खुदरी रज़ी. से रिवायत है

अल्लाह के रसूल सललाल्लाहू आलेही वासल्लम ने इरशाद फरमाया
मुअजजीन की आवाज़ को जिन्नात, इंसान और जो जो चीज़े सुनती है वो रोज़े कयामत उसके लिए गवाही देगी.

हदीस (सहीह बुखारी : 609)

अल्लाह के रसूल सललाल्लाहू आलेही वासल्लम ने इरशाद फरमाया

मुअजजीन के लिए सवाब है उस शख्स के सवाब के बराबर जिसने उसकी आवाज़ सुनकर नमाज़ पढ़ी.

हदीस (सुनन नसाई : 2/13)

खुलासा कलाम ये है के मुअजजीन की आवाज़ सुनकर जीतने लोग मस्जिद मे आकर नमाज़ पढ़ेगे, उन सबको अपनी-अपनी नमाज़ का सवाब पूरा सवाब तो मिलेगा ही मगर मुअजजीन तमाम नमाज़ियो के सवाब के बराबर और ज़्यादा सवाब मिलेगा.
क्यूंकी उसने उनको नमाज़ की तरफ बुलाया था.

अल्लाह हमे हक़ बात समझने की तोफीक अता करे अमीन
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