क्या में वो कह सकता हूँ जो में ना करू ?
“ए ईमान वालो ! तुम वो बात क्यो कहते हो जो करते नही ?
अल्लाह के यहाँ बहुत ना पसंद बात है की तुम वो बात कहो जो करते नही.”
क़ुरान (सुराह सफ़फ़ : 61/2-3)
“क्या तुम लोगो को तो नेकी और भलाई का पैगाम देते हो और खुद को भूल जाते हो, हालाकी तुम किताब भी पढ़ते हो ? फिर क्या तुम अक्ल (दिमाग़/माइंड) से काम नही लेते ?”
(क़ुरान : सुरा बक़रा 2/44)
अल्लाह के यहाँ बहुत ना पसंद बात है की तुम वो बात कहो जो करते नही.”
क़ुरान (सुराह सफ़फ़ : 61/2-3)
“क्या तुम लोगो को तो नेकी और भलाई का पैगाम देते हो और खुद को भूल जाते हो, हालाकी तुम किताब भी पढ़ते हो ? फिर क्या तुम अक्ल (दिमाग़/माइंड) से काम नही लेते ?”
(क़ुरान : सुरा बक़रा 2/44)
ALLAH HAME HAQ BAAT SAMJHNE KI TOFFIK ATA FARMAYE AMIN.....
आगे पहुचाए अपने कानटेक्ट और ग्रुप पर इंशा अल्लाह
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