में दीन (इस्लाम) में कैसे कामयाबी हासिल कर सकता हूँ. ?
“और
जो कोई अल्लाह और उसके रसूल का हुक्म को माने और अल्लाह से डरे और उसकी
बताई हद (लिमिट्स) का ख्याल रखे, तो ऐसे ही लोग कामयाब हैं.”
क़ुरान ( सुराह नूर 24/52)
“कामयाब हो गया वो जिसने अपने आप को निखार लिया, और अपने रब का नाम लिया और नमाज़ अदा की.”
क़ुरान (सुराह आला 87/14-15)
“कामयाब हो गया वो जिसने उसे (यानी अपनी रूह और शख्सियत को) सावरा (डेवेलप) किया, और नाकाम हुआ वो जिसने उसे बिगाड़ दिया.”
क़ुरान ( सुराह शम्स 91/9-10)
क़ुरान ( सुराह नूर 24/52)
“कामयाब हो गया वो जिसने अपने आप को निखार लिया, और अपने रब का नाम लिया और नमाज़ अदा की.”
क़ुरान (सुराह आला 87/14-15)
“कामयाब हो गया वो जिसने उसे (यानी अपनी रूह और शख्सियत को) सावरा (डेवेलप) किया, और नाकाम हुआ वो जिसने उसे बिगाड़ दिया.”
क़ुरान ( सुराह शम्स 91/9-10)
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