क्या अल्लाह के क़ुरान को समझना हमारे लिए मुश्किल है.
और बेशक हमने क़ुरान को समझने के लिए आसान कर दिया,
तो क्या कोई नसीहत हासिल करने वाला है.
क़ुरान (सुरा क़मर 54/17-22-32-40)
अल्लाह त'आला अपनी आयतों को खोल-खोल कर बयान करता है ताकि तुम हिदायत पा सको.
क़ुरान (सुरा अन'नाम 6/55) और (इमरान 3/103)
क्या तुम क़ुरान को नही समझते तुम्हारे दिलों पर ताले लग गये है.
क़ुरान (मुहम्मद 47/24)
अल्लाह हमे हक़ बात समझने की तोफीक अता फरमाये आमीन
और बेशक हमने क़ुरान को समझने के लिए आसान कर दिया,
तो क्या कोई नसीहत हासिल करने वाला है.
क़ुरान (सुरा क़मर 54/17-22-32-40)
अल्लाह त'आला अपनी आयतों को खोल-खोल कर बयान करता है ताकि तुम हिदायत पा सको.
क़ुरान (सुरा अन'नाम 6/55) और (इमरान 3/103)
क्या तुम क़ुरान को नही समझते तुम्हारे दिलों पर ताले लग गये है.
क़ुरान (मुहम्मद 47/24)
अल्लाह हमे हक़ बात समझने की तोफीक अता फरमाये आमीन