मुझे अपने बुज़ुर्गो (पूर्वज/फोरफादर्स) की इत’आत (पैरवी/अनुसरण/followship) कब नही करना चाहिए ?

मुझे अपने बुज़ुर्गो (पूर्वज/फोरफादर्स) की इत’आत (पैरवी/अनुसरण/followship) कब नही करना चाहिए ?

“और जब उनसे कहा जाता है की, अल्लाह ने जो कुछ उतारा है उसकी इत’आत करो, तो कहते हैं
नही, बल्कि हम तो उसकी इत’आत करेंगे जिस पर हमने अपने बाप-दादा को पाया. क्या उस हाल मे भी जबकि उनके बाप-दादा कुछ अक्ल/दिमाग़ से काम ना लेते रहे हो और ना सीधे राह पर रहे हो ?”

क़ुरान( सुरा बक़रा 2/170)

“और जब उनसे कहा जाता है की उस चीज़ की और आओ जो अल्लाह ने नाज़ील की है, और रसूल की और, तो वो कहते हैं
हमारे लिए तो वो ही काफ़ी है जिस पर हमने अपने बाप-दादा को पाया है. क्या अगर उनके बाप-दादा कुछ भी ना जानते हो और ना सीधे राह पर हो ?”

क़ुरान (सुरा मुहम्मद 47/21)

अल्लाह हमें हक़ बात समझने की और सही अमल करने की तोफीक अता फरमाये आमीन......
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