हमारे सवालात और क़ुरान मज़ीद के जवाबत
“नमाज़ का एहतेमाम् कर और भलाई का हुक्म दे और बुराई से रोक और जो मुसीबत भी तुझ पर पड़े उसपर सब्र से काम ले., बेशक ये उन कामो मे से है जो हिम्मत और मज़बूत इरादो के काम हैं.”
(क़ुरान : सुरा लुक़मान 31/17)
2. सवाल : मुझे मुसीबत मे क्या दुआ माँगनी चाहिए ?
“हमारे रब ! अगर हम भूलें या चूक जायें तो हमें ना पकड़ना. हमारे रब ! और हम पर ऐसा बोझ ना डाल जैसा तूने. हमसे पहले के लोगो पर डाला था. हमारे रब !
और हमसे वो बोझ ना उठवा जिसकी हमको ताक़त नही. और हमको माफ़ कर और हमको अपनी पनाह मे रख, और हम पर रहम कर. तू ही हमारा मालिक है,
तू काफिरो पर हमको मदद दे.
(क़ुरान : सुरा बक़रा 2/286)
3. सवाल : में मुसीबत मे खुदा से किस चीज़ के साथ मदद मांगू ?
“ए ईमान वालो ! सब्र और नमाज़ से मदद चाहो. बेशक अल्लाह सब्र करने वालो के साथ है.
(क़ुरान : सुरा बक़रा 2/153)
“सब्र और नमाज़ से मदद चाहो और बेशक नमाज़ ज़रूर भारी है मगर उन पर नही जो दिल से मेरी (अल्लाह की) तरफ झुकते हैं.
(क़ुरान : सुरा बक़रा 2:45)
अल्लाह हमे हक़ बात समझने की तोफीक अता फरमाये अमीन
“नमाज़ का एहतेमाम् कर और भलाई का हुक्म दे और बुराई से रोक और जो मुसीबत भी तुझ पर पड़े उसपर सब्र से काम ले., बेशक ये उन कामो मे से है जो हिम्मत और मज़बूत इरादो के काम हैं.”
(क़ुरान : सुरा लुक़मान 31/17)
2. सवाल : मुझे मुसीबत मे क्या दुआ माँगनी चाहिए ?
“हमारे रब ! अगर हम भूलें या चूक जायें तो हमें ना पकड़ना. हमारे रब ! और हम पर ऐसा बोझ ना डाल जैसा तूने. हमसे पहले के लोगो पर डाला था. हमारे रब !
और हमसे वो बोझ ना उठवा जिसकी हमको ताक़त नही. और हमको माफ़ कर और हमको अपनी पनाह मे रख, और हम पर रहम कर. तू ही हमारा मालिक है,
तू काफिरो पर हमको मदद दे.
(क़ुरान : सुरा बक़रा 2/286)
3. सवाल : में मुसीबत मे खुदा से किस चीज़ के साथ मदद मांगू ?
“ए ईमान वालो ! सब्र और नमाज़ से मदद चाहो. बेशक अल्लाह सब्र करने वालो के साथ है.
(क़ुरान : सुरा बक़रा 2/153)
“सब्र और नमाज़ से मदद चाहो और बेशक नमाज़ ज़रूर भारी है मगर उन पर नही जो दिल से मेरी (अल्लाह की) तरफ झुकते हैं.
(क़ुरान : सुरा बक़रा 2:45)
अल्लाह हमे हक़ बात समझने की तोफीक अता फरमाये अमीन