मुझे दुनिया और आख़िरत मे अच्छी ज़िंदगी कैसे मिल सकती है ?

मुझे दुनिया और आख़िरत मे अच्छी ज़िंदगी कैसे मिल सकती है ?

“जो नेक अमल (अच्छा काम) करे मर्द हो या औरत लेकिन बाईमान (मुसलमान) हो तो ज़रूर हम उसे अच्छी ज़िंदगी अता फरमाएगे.
और उनके नेक अमाल (अच्छे कामो) बदला (अज्र/जज़ा/सवाब) ज़रूर-ज़रूर देंगे.
(जो उनके सब से बेहतर काम क लायक हो)”

क़ुरान ( सुरा नहल 16/97)

अल्लाह हमें हक़ बात समझने की और सही अमल करने की तोफीक अता फरमाये आमीन......
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